Hindi Poem of Dhananjay singh “Mausam ke kagaj par”,” मौसम के कागज़ पर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मौसम के कागज़ पर

 Mausam ke kagaj par

मौसम के कागज़ पर आज लिखा था सूरज

पर काले मेघ और बारिश ने घेर लिया

सुबह-दोपहर-संध्या, सबने यह देखा पर

जाने क्या बात हुई, सबने मुँह फेर लिया

तुम ही बतलाओ अब, किससे-क्या बात करें

कैसे भी काटें दिन, कैसे भी रात करें

कभी-कभी उत्सव भी, गाते हैं शोकगीत

जाने किन प्रेतों की छाया मंडराती है

आते तो ऐसे भी अवसर हैं जीवन में

हँसने की कोशिश में चीख़ निकल जाती है

जीवन की अपनी कुछ अलग ही पहेली है

जलते मरुथल में जल-स्रोत निकल आते हैं

सिंह-व्याघ्र-चीतों से घिरे हुए जंगल में

वन-वासी सामूहिक प्रेम-गीत गाते हैं!

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