गीत की संवेदना
Geet ki samvedana
वैश्विक फलक पर
गीत की सम्वेदना है अनमनी
तुम लौट जाओ प्यार के संसार से
मायाधनी
यह प्रेम वह व्यवहार है
जो जीत माने हार को
तलवार की भी धार पर
चलना सिखा दे यार को
हो जाए पूरी चेतना
इस पंथ की अनुगामिनी
चितवन यहाँ भाषा
रुधिर में धड़कनों के छंद है
आचार की सब संहिताएँ
मुक्ति की पाबंद है
जीवन-मरण के साथ खेले
चन्द्रमा की चाँदनी
धन-धान्य का वैभव अकिंचन
शक्ति की निस्सारता
जीवन-प्रणेता वही
जो विरहाग्नि में है जारता
इस अगम गति की चाल में
भूचाल की है रागिनी