Hindi Poem of Dinesh Singh “Prashan yah he”,”प्रश्न यह है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

प्रश्न यह है

 Prashan yah he

प्रश्न यह है-

भरोसा किस पर करें

एक नंगी पीठ है

सौ चाबुकें

बचाने वाले

कभी के जा चुके

हम डरें भी तो

भला कब तक डरें

स्वप्न हमसे

जी चुराते जा रहे

आँख सुरमे से

सजाते रहे

आँसुओं से

हम इन्हें कब तक भरें

घरों के भीतर

अजाने रास्ते

अलग-अलग बँटे

हमारे वास्ते

झनझनाते पाँव

जब इन पर धरें

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.