Hindi Poem of Divik Ramesh “Aurat”,”औरत” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

औरत

 Aurat

वहाँ भी आग है

कहा किसी ने ।

मैंने पूछासबूत?

उठता हुआ धुआँ

दिखा दिया उसने ।

क्या उसे

सच में नहीं मालूम

वहाँबटोरी गई

गीली-सूखी लकड़ियों से खप रही

एक औरत है

सदियों से  आग के लिए

धुएँ से लड़ रही

एक औरत ।

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