Hindi Poem of Divik Ramesh “Kuch nahi kahte”,”कुछ नहीं कहते” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कुछ नहीं कहते

 Kuch nahi kahte

मैंने कहा

मज़ाक बन गया है देश।

उसने कहा

तो तैयार हो जाओ

जेल के लिए

मैंने कहा

मज़ाक बना दिया गया है संविधान

उसने कहा

तो तैयार हो जाओ

अदालती धूल चाटने को

मैंने कहा

मखौल होकर रह गए

राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, मंत्री …

उसने कहा

तो तैयार हो जाओ

फाँसी के लिए

मैंने कहा

कौन डरता है

उसने कहा …..

कहा …..

कहा ……

दरअसल

उसने कुछ नहीं कहा।

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