Hindi Poem of Divik Ramesh “Yadav ji”,” यादव जी !” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

यादव जी !

 Yadav ji

मोह तो त्यागना पड़ता है

पुरानी से पुरानी

पुस्तकों-पत्रिकाओं का भी

एक उम्र होने पर!

काश

पुस्तकें-पत्रिकाएँ भी

जायदाद हुई होतीं

हुई होतीं जेवरात ज़रूरी।

होतीं बैंक बैलेंस ही आकर्षक!

तो मशक्कत तो न करनी पड़ती इतनी

खोजने में इनके

उत्तराधिकारी

यादव जी!

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