कौन सिखाता है चिडियों को
Kaun sikhata he chidiya ko
कौन सिखाता फुदक-फुदक कर उनको चलना फिरना?
कौन सिखाता फुर्र से उड़ना दाने चुग-चुग खाना?
कौन सिखाता तिनके ला-ला कर घोंसले बनाना?
कौन सिखाता है बच्चों का लालन-पालन उनको?
माँ का प्यार, दुलार, चौकसी कौन सिखाता उनको?
कुदरत का यह खेल, वही हम सबको, सब कुछ देती।
किन्तु नहीं बदले में हमसे वह कुछ भी है लेती।
हम सब उसके अंश कि जैसे तरू-पशु–पक्षी सारे।
हम सब उसके वंशज जैसे सूरज-चांद-सितारे।