Hindi Poem of Dwarika Prasad Maheshwari “Utho la lab aankhe kholo“ , “उठो लाल अब आँखे खोलो” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उठो लाल अब आँखे खोलो
Utho la lab aankhe kholo

 

पानी लाई हूँ मुँह धो लो

बीती रात कमल दल फूले
उनके ऊपर भंवरे डोले

चिड़िया चहक उठी पेड़ पर
बहने लगी हवा अति सुंदर

नभ में न्यारी लाली छाई
धरती ने प्यारी छवि पाई

भोर हुआ सूरज उग आया
जल में पड़ी सुनहरी छाया

ऐसा सुंदर समय न खोओ
मेरे प्यारे अब मत सोओ

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