Hindi Poem of Geeta Chaturvedi “Jesus ki Kile“ , “जीसस की कीलें” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जीसस की कीलें
Jesus ki Kile

 

स्याही से दीर्घजीवी होते हैं उकेरकर लिखे गए शब्द
आत्मा की भुजा पर बना गोदना तुम्हारा आकार है
पेड़ पर उगे पत्ते चिडिय़ा के गीत हैं

इन दिनों कोई चिडिय़ा तुम्हारे पेड़ पर नहीं बैठती
और मैंने भी तुम्हें ख़त लिखना बंद कर दिया है

तुमसे दूरी तुमसे मोह है
मोहित मैं प्रागैतिहास में रहता हूं
अकेला लेटा संकरी एक गुफा में उंगलियों से खुरचकर भित्तिचित्र बनाता हूं

पुरातत्व की शौक़ीन तुम अपनी लाइब्रेरी में जिस खुरच को सराहती हो
उसमें मेरे घिसे हुए नाख़ूनों का बुरादा भी है

लोकल ट्रेन की चौथी सीट की तरह अंड़सा हुआ हूं तुम्हारी स्मृति में
जो बीत गया वह भूत है मेरे सपनों में भूतों का डेरा है

कुछ देर के लिए किसी पुराण में चला जाऊं ले आऊं वह क्षुरप्र बाण जो
सौ चंद्रों वाली क्रूरता की ढाल और तुम्हारी उपेक्षा की तलवार
सबको एक वार में चीरकर रख दे

मैं भय का आराधक हूं
शक्ति भी भय देती है जो जितना शक्तिशाली वह उतना भयभीत है

मुझे चूमो नख से चूमो शिख तक चूमो आदि से चूमो अंत तक चूमो
मैं सादि हूं सांत हूं सो अनंत तक नहीं करनी होगी तुम्हें कोशिश
इसी देह में कहीं मेरे खुलने की कुंजी है
हर अंग चूमो हर कोई चूमो
एक सच्चा चुंबन पर्याप्त है मुझे खोल देने के लिए

पर ऐन सही जगह पर सच्चा चुंबन अत्यंत दुर्लभ घटना है

जीसस को चुभी कीलें टीस के पौधों के रूप में उगती हैं

रक्त की धार हरी लताओं की तरह
मुझ पर लिपटती ऊपर चढ़ती हैं

 

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