ब-नाला हासिल-ए-दिल-बस्तगी फ़राहम कर – ग़ालिब
B-nala hasil-e-bastgi faraham kar -Ghalib
ब-नाला हासिल-ए-दिल-बस्तगी फ़राहम कर
मता-ए-ख़ाना-ए-ज़ंजीर जुज़ सदा मालूम
ब-क़द्र-ए-हौसला-ए-इश्क़ जल्वा-रेज़ी है
वगरना ख़ाना-ए-आईना की फ़ज़ा मालूम
‘असद’ फ़रेफ्ता-ए-इंतिख़ाब-ए-तर्ज़-ए-जफ़ा
वगरना दिलबरी-ए-वादा-ए-वफ़ा मालूम