बीम-ए-रक़ीब से नहीं करते विदा-ए-होश – ग़ालिब
Bim-e-rakeeb se nahin karte vida-e-hosh -Ghalib
बीम-ए-रक़ीब से नहीं करते विदा-ए-होश
मजबूर याँ तलक हुए ऐ इख़्तियार हैफ़
जलता है दिल कि क्यूँ न हम इक बार जल गए
ऐ ना-तमामी-ए-नफ़स-ए-शोला-बार हैफ़
बीम-ए-रक़ीब से नहीं करते विदा-ए-होश – ग़ालिब
Bim-e-rakeeb se nahin karte vida-e-hosh -Ghalib
बीम-ए-रक़ीब से नहीं करते विदा-ए-होश
मजबूर याँ तलक हुए ऐ इख़्तियार हैफ़
जलता है दिल कि क्यूँ न हम इक बार जल गए
ऐ ना-तमामी-ए-नफ़स-ए-शोला-बार हैफ़