घर में था क्या कि तिरा ग़म उसे ग़ारत करता – ग़ालिब
Ghar mein tha kya ki tera gam use gharat karta -Ghalib
घर में था क्या कि तिरा ग़म उसे ग़ारत करता
वो जो रखते थे हम इक हसरत-ए-तामीर सो है
घर में था क्या कि तिरा ग़म उसे ग़ारत करता – ग़ालिब
Ghar mein tha kya ki tera gam use gharat karta -Ghalib
घर में था क्या कि तिरा ग़म उसे ग़ारत करता
वो जो रखते थे हम इक हसरत-ए-तामीर सो है