लो हम मरीज़-ए-इश्क़ के बीमार-दार हैं – ग़ालिब
Lo hum mariz-e-ishq ke bimar-daar hein -Ghalib
लो हम मरीज़-ए-इश्क़ के बीमार-दार हैं
अच्छा अगर न हो तो मसीहा का क्या इलाज
लो हम मरीज़-ए-इश्क़ के बीमार-दार हैं – ग़ालिब
Lo hum mariz-e-ishq ke bimar-daar hein -Ghalib
लो हम मरीज़-ए-इश्क़ के बीमार-दार हैं
अच्छा अगर न हो तो मसीहा का क्या इलाज