Hindi Poem of Ghalib “Lo hum mariz-e-ishq ke bimar-daar hein, “लो हम मरीज़-ए-इश्क़ के बीमार-दार हैं” Complete Poem for Class 10 and Class 12

लो हम मरीज़-ए-इश्क़ के बीमार-दार हैं – ग़ालिब

Lo hum mariz-e-ishq ke bimar-daar hein -Ghalib

 

लो हम मरीज़-ए-इश्क़ के बीमार-दार हैं
अच्छा अगर न हो तो मसीहा का क्या इलाज

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