Hindi Poem of Ghalib “Ta hum ko shikayat ki bhi baki na rahe ja , “ता हम को शिकायत की भी बाक़ी न रहे जा ” Complete Poem for Class 10 and Class 12
Hindi Poem of Ghalib “Ta hum ko shikayat ki bhi baki na rahe ja , “ता हम को शिकायत की भी बाक़ी न रहे जा ” Complete Poem for Class 10 and Class 12
ता हम को शिकायत की भी बाक़ी न रहे जा – ग़ालिब
Ta hum ko shikayat ki bhi baki na rahe ja -Ghalib
ता हम को शिकायत की भी बाक़ी न रहे जा
सुन लेते हैं गो ज़िक्र हमारा नहीं करते
ग़ालिब तिरा अहवाल सुना देंगे हम उन को
वो सुन के बुला लें ये इजारा नहीं करते
About The Author