Hindi Poem of Ghalib “Tum apne shikve ki bate na khod khod ke pucho , “तुम अपने शिकवे की बातें न खोद खोद के पूछो ” Complete Poem for Class 10 and Class 12
Hindi Poem of Ghalib “Tum apne shikve ki bate na khod khod ke pucho , “तुम अपने शिकवे की बातें न खोद खोद के पूछो ” Complete Poem for Class 10 and Class 12
तुम अपने शिकवे की बातें न खोद खोद के पूछो – ग़ालिब
Tum apne shikve ki bate na khod khod ke pucho -Ghalib
तुम अपने शिकवे की बातें न खोद खोद के पूछो
हज़र करो मिरे दिल से कि उस में आग दबी है
दिला ये दर्द ओ अलम भी तो मुग़्तनिम है कि आख़िर
न गिर्या-ए-सहरी है न आह-ए-नीम-शबी है
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