Hindi Poem of Giridhar “Kamri thore dam ki“ , “कमरी थोरे दाम की” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कमरी थोरे दाम की
Kamri thore dam ki

 

कमरी थोरे दाम की, बहुतै आवै काम।
खासा मलमल वाफ्ता, उनकर राखै मान॥

उनकर राखै मान, बँद जहँ आड़े आवै।
बकुचा बाँधे मोट, राति को झारि बिछावै॥

कह ‘गिरिधर कविराय’, मिलत है थोरे दमरी।
सब दिन राखै साथ, बड़ी मर्यादा कमरी॥

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