Hindi Poem of Giridhar “Sai apne bhrat ko“ , “साईं अपने भ्रात को” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साईं अपने भ्रात को
Sai apne bhrat ko

 

साईं अपने भ्रात को, कबहुं न दीजै त्रास
पलक दूर नहिं कीजिये, सदा राखिये पास

सदा राखिये पास, त्रास कबहूं नहिं दीजै
त्रास दियो लंकेश, ताहि की गति सुन लीजै

कह गिरिधर कविराइ, राम सों मिलियो जाई
पाय विभीषण राज, लंकपति बाजयो साईं

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