साईं घोड़े आछतहि
Sai Ghode Achtahi
साईं घोड़े आछतहि गदहन आयो राज
कौआ लीजै हाथ में दूरि कीजिये बाज
दुरी कीजिये बाज राज पुनि ऐसो आयो
सिंह कीजिये कैद स्यार गजराज चढायो
कह गिरिधर कविराय जहाँ यह बूझि बधाई
तहां न कीजै भोर साँझ उठि चलिए साईं
साईं घोड़े आछतहि
Sai Ghode Achtahi
साईं घोड़े आछतहि गदहन आयो राज
कौआ लीजै हाथ में दूरि कीजिये बाज
दुरी कीजिये बाज राज पुनि ऐसो आयो
सिंह कीजिये कैद स्यार गजराज चढायो
कह गिरिधर कविराय जहाँ यह बूझि बधाई
तहां न कीजै भोर साँझ उठि चलिए साईं