Hindi Poem of Gopal Prasad Vyas “Bhashan do bhai bhashan do“ , “भाषण दो! भई, भाषण दो!!” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

भाषण दो! भई, भाषण दो!!
Bhashan do bhai bhashan do

यदि दर्द पेट में होता हो
या नन्हा-मुन्ना रोता हो
या आँखों की बीमारी हो
अथवा चढ़ रही तिजारी हो
तो नहीं डाक्टरों पर जाओ
वैद्यों से अरे न टकराओ
है सब रोगों की एक दवा-
भई, भाषण दो! भई, भाषण दो!!

हर गली, सड़क, चौराहे पर
भाषण की गंगा बहती है,
हर एक समझदार नर-नारी के
कानों में कहती रहती है-
मत पुण्य करो, मत पाप करो,
मत राम-नाम का जाप करो,
कम-से-कम दिन में एक बार-
भई, भाषण दो! भई, भाषण दो!!

भाषण देने से सुनो, स्वयं
नदियों पर पुल बंध जाएंगे
बंध जाएंगे बीसियों बाँध
ऊसर हजार उग आएंगे।
तुम शब्द-शक्ति के इस महत्व को
मत विद्युत से कम समझो।
भाषण का बटन दबाते ही
बादल पानी बरसाएंगे।

इसलिए न मैला चाम करो
दिन-भर-प्यारे, आराम करो!
संध्या को भोजन से पहले
छोड़ो अपने कपड़े मैले,
तन को संवार, मन को उभार
कुछ नए शब्द लेकर उधार
प्रत्येक विषय पर आँख मूंद-
भई, भाषण दो! भई भाषण दो!!

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