Hindi Poem of Gopal Prasad Vyas “Samp hi to ho“ , “साँप ही तो हो” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साँप ही तो हो
Samp hi to ho

साँप,
दो-दो जीभें होने पर भी
भाषण नहीं देते?
आदमी न होकर भी
पेट के बल चलते हो
यार!
हम तुम्हारे फूत्कार से नहीं डरते
साँप ही तो हो,
भारत के रहनुमा तो नहीं हो!

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