Hindi Poem of Gopal Singh Nepali “Chopati ka suryast”,”चौपाटी का सूर्यास्त” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चौपाटी का सूर्यास्त

 Chopati ka suryast

यह रंगों का जाल सलोना, यह रंगों का जाल

किरण-किरण में फहराता है

नयन-नयन में लहराता है

चिड़ियों-सा उड़ता आता है

यह रंगों का जाल

सहज-सरल-सुन्दर रूपों का यह बादल रंगीन

कोमल-चंचल झलमल-झलमल यह चल-दल रंगीन

लिए शिशिर का कम्पन-सिहरन

और शरद का उज्जवल आनन

नव बसन्त का मुकुलित कानन

उड़ता आता प्रतिपल-प्रतिक्षण

यह रूपों का जाल मनोहर, यह रूपों का जाल

मेरी आँखें कितना देखें

उतना चाहें जितना देखें

कलना देखें, छलना देखें

सत्य हो रहा सपना देखें

यह रंगों का जाल सलोना, यह रंगों का जाल

और उड़ो तुम मेरे बादल

और धुलो तुम मेरे शतदल

और हिलो तुम मेरे चलदल

चलो-चलो तुम मेरे चंचल

बरसो तो मेरे आँगन में

ठहरो तो मेरे इस मन में

मुझको प्यारा-प्यारा लगता, यह रंगों का जाल

यह रंगों का जाल सलोना, यह रंगों का जाल

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