Hindi Poem of Gopal Singh Nepali “Tare chamakte tum bhi chamko”,”तारे चमके, तुम भी चमको” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तारे चमके, तुम भी चमको

 Tare chamakte tum bhi chamko

तारे चमके, तुम भी चमको, अब बीती रात न लौटेगी,

लौटी भी तो एक दिन फिर यह, हम दो के साथ न लौटेगी ।

जब तक नयनों में ज्योति जली, कुछ प्रीत चली कुछ रीत चली,

हो जाएँगे जब बंद नयन, नयनों की घात न लौटेगी ।

मन देकर भी तन दे बैठे, मरने तक जीवन दे बैठे,

होगा फिर जनम-मरण होगा, पर वह सौगात न लौटेगी ।

एक दिन को मिलने साजन से, बारात उठेगी आँगन से,

शहनाई फिर बज सकती है, पर यह बारात न लौटेगी ।

क्या पूरब है, क्या पश्चिम है, हम दोनों हैं और रिमझिम है,

बरसेगी फिर यह श्याम घटा, पर यह बरसात न लौटेगी ।

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