Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “Ab ke savan me shararat“ , “अब के सावन में शरारत” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अब के सावन में शरारत

Ab ke savan me shararat

 

अब के सावन में शरारत ये मेरे साथ हुई

मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई |

आप मत पूछिये क्या हम पे ‘सफ़र में गुज़री?

आज तक हमसे हमारी न मुलाकात हुई |

हर गलत मोड़ पे टोका है किसी ने मुझको

एक आवाज़ तेरी जब से मेरे साथ हुई |

मैंने सोचा कि मेरे देश की हालत क्या है

एक क़ातिल से तभी मेरी मुलाक़ात हुई |

 

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