Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “Haiku“ , “हाइकु” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हाइकु

Haiku

 

जन्म मरण

समय की गति के

हैं दो चरण

वो हैं अकेले

दूर खडे होकर

देखें जो मेले

मेरी जवानी

कटे हुये पंखों की 

एक निशानी

हे स्वर्ण केशी

भूल न यौवन है

पंछी विदेशी 

वो है अपने

देखें हो मैने जैसे

झूठे सपने

किससे कहें

सब के सब दुख

खुद ही सहें

हे अनजानी

जीवन की कहानी

किसने जानी

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.