Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “Jitna kam saman rahega“ , “जितना कम सामान रहेगा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जितना कम सामान रहेगा

Jitna kam saman rahega

 

जितना कम सामान रहेगा

उतना सफ़र आसान रहेगा

जितनी भारी गठरी होगी

उतना तू हैरान रहेगा

उससे मिलना नामुमक़िन है

जब तक ख़ुद का ध्यान रहेगा

हाथ मिलें और दिल न मिलें

ऐसे में नुक़सान रहेगा

जब तक मन्दिर और मस्जिद हैं

मुश्क़िल में इन्सान रहेगा

‘नीरज’ तो कल यहाँ न होगा

उसका गीत-विधान रहेगा

 

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