Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “Soh kiye dharakohe se nain“ , “सौंह कियें ढरकौहे से नैन” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सौंह कियें ढरकौहे से नैन

 Soh kiye dharakohe se nain

 

सौंह कियें ढरकौहे से नैन, टकी न टटै हिलकी हलियै।

मुँह आगै हू आये न सूझयौ कछू ,सु कहयौ कछु ये सुति साँभल ए।

भौर ते साँझि भई न अजौं, घरि भतिर बाहर कौ ढलिए।

रहे गेह की देहरी ठाढ़े  दोऊ, उर लागी दुहून चलौ चलिए।।

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