अमर क्रांतिकारी चंद्रशेखर का परिचय
Amar krantikari Chandrashekhar ka parichay
महायज्ञ का नायक शेखर, गौरव भारत भू का है
जिसका भारत की जनता से रिश्ता आज लहू का है
जिसके जीवन की शैली ने हिम्मत को परिभाषा दी
जिसके पिस्टल की गोली ने इंकलाब को भाषा दी
जिसने धरा गुलामी वाली क्रांति निकेतन कर डाली
आजादी के हवन कुंड में अग्नि चेतन कर डाली
जिसको खूनी मेंहदी से भी देह रचाना आता था
आजादी का योद्धा केवल नमक चबेना खाता था
अब तो नेता पर्वत सड़कें नहरों को खा जाते हैं
नए जिलों के शिलान्यास में शहरों को खा जाते हैं
I think is poem ki kuchh pankti miss hai…