Hindi Poem of Ibne Insha “Ek ladka”,”एक लड़का” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

एक लड़का

 Ek ladka

एक छोटा-सा लड़का था मैं जिन दिनों

एक मेले में पंहुचा हुमकता हुआ

जी मचलता था एक-एक शै पर मगर

जेब खाली थी कुछ मोल ले न सका

लौट आया लिए हसरतें सैकड़ों

एक छोटा-सा लड़का था मै जिन दिनों

खै़र महरूमियों के वो दिन तो गए

आज मेला लगा है इसी शान से

आज चाहूँ तो इक-इक दुकां मोल लूँ

आज चाहूँ तो सारा जहां मोल लूँ

नारसाई का जी में धड़का कहां?

पर वो छोटा-सा अल्हड़-सा लड़का कहाँ?

 

 

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