Hindi Poem of Ibne Insha “ Saye se”,”साए से” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साए से

 Saye se

क्यों मेरे साथ-साथ आता है?

मेरी मंज़िल है बेनिशाँ नादाँ

साथ मेरा-तेरा कहाँ नादाँ

थक गए पाँव पड़ गए छाले

मंज़िलें टिमटिमा रही हैं – दूर

बस्तियाँ और जा रही हैं – दूर

मैं अकेला चलूँगा ऎ साए

कौन अहदे-वफ़ा निभाता है

क्यों मेरे साथ-साथ आता है

तू अभी जा मिलेगा सायों में

मैं कहाँ जाऊँ मैं कहाँ जाऊँ

किसकी आग़ोश में अमाँ पाऊँ

 

 

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