Hindi Poem of Kaka Hasrati’“Anushasanhinta Aur Bhashatachar , “अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार – काका हाथरसी

Anushasanhinta Aur Bhashatachar –Kaka Hasrati

 

बिना टिकट के ट्रेन में चले पुत्र बलवीर

 जहाँ ‘मूड’ आया वहीं, खींच लई ज़ंजीर

 खींच लई ज़ंजीर, बने गुंडों के नक्कू

 पकड़ें टी. टी. गार्ड, उन्हें दिखलाते चक्कू

 गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार बढ़ा दिन-दूना

 प्रजातंत्र की स्वतंत्रता का देख नमूना

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