Hindi Poem of Kaka Hathrasi’“Moti Patni, “मोटी पत्नी ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

मोटी पत्नी – काका हाथरसी

Moti Patni –Kaka Hathrasi

 

ढाई मन से कम नहीं, तौल सके तो तौल

 किसी-किसी के भाग्य में, लिखी ठौस फ़ुटबौल

 लिखी ठौस फ़ुटबौल, न करती घर का धंधा

 आठ बज गये किंतु पलंग पर पड़ा पुलंदा

 कहँ ‘ काका ‘ कविराय , खाय वह ठूँसमठूँसा

 यदि ऊपर गिर पड़े, बना दे पति का भूसा

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