Hindi Poem of Kaka Hasrati’“Panchbhoot , “पंचभूत ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

पंचभूत – काका हाथरसी

Panchbhoot –Kaka Hasrati

 

भाँड़, भतीजा, भानजा, भौजाई, भूपाल

 पंचभूत की छूत से, बच व्यापार सम्हाल

 बच व्यापार सम्हाल, बड़े नाज़ुक ये नाते

 इनको दिया उधार, समझ ले बट्टे खाते

‘काका ‘ परम प्रबल है इनकी पाचन शक्ती

 जब माँगोगे, तभी झाड़ने लगें दुलत्ती

 

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