Hindi Poem of Kumar vishvas “Khud ko aasman kar rahi ho na“ , “खुद को आसान कर रही हो ना” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12
Hindi Poem of Kumar vishvas “Khud ko aasman kar rahi ho na“ , “खुद को आसान कर रही हो ना” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12
खुद को आसान कर रही हो ना
Khud ko aasman kar rahi ho na
खुद को आसान कर रही हो ना
हम पे एहसान कर रही हो ना
ज़िन्दगी हसरतों की मय्यत है
फिर भी अरमान कर रही हो ना
नींद, सपने, सुकून, उम्मीदें
कितना नुक्सान कर रही हो ना
हम ने समझा है प्यार, पर तुम तो
जान-पहचान कर रही हो ना
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