Hindi Poem of Kumar vishvas “Maa“ , “माँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

माँ
Maa

माँ
पालती है
पेड़ एक
लाड़ से
प्यार से
दुलार से।
माँ सुलाती है
लोरी गा
पिलाती है दूध
लुटाती है
तन मन प्राण
पेड़
होता बड़ा ज्यों-ज्यों
जड़ें
उसकी मजबूत
घुस जाती हैं
माँ में
हाथ पैर में
दिमाग में
और दिल में
चूसता है
ख़ून-पानी-माँस
महँगे आँसू
पेड़ पाता
विस्तार अद्भुत
देखता संसार
रूककर राह में
कितना बड़ा है पेड़
कितना लम्बा है पेड़
पेड़ बढ़ता
निस दिन
माँ से धँसी
जड़ों से
दूर होता
निस दिन!

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