Hindi Poem of Kumar vishvas “Safai mat dena“ , “सफ़ाई मत देना” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सफ़ाई मत देना
Safai mat dena

एक शर्त पर मुझे निमन्त्रण है मधुरे स्वीकार
सफ़ाई मत देना!
अगर करो झूठा ही चाहे, करना दो पल प्यार
सफ़ाई मत देना

अगर दिलाऊँ याद पुरानी कोई मीठी बात
दोष मेरा होगा
अगर बताऊँ कैसे झेला प्राणों पर आघात
दोष मेरा होगा
मैं ख़ुद पर क़ाबू पाऊंगा, तुम करना अधिकार
सफ़ाई मत देना

है आवश्यक वस्तु स्वास्थ्य -यह भी मुझको स्वीकार
मगर मजबूरी है
प्रतिभा के यूँ क्षरण हेतु भी मैं ही ज़िम्मेदार
मगर मजबूरी है
तुम फिर कोई बहाना झूठा कर लेना तैयार
सफ़ाई मत देना

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