Hindi Poem of Kumar vishvas “Unki Khero khabar nahi milti“ , “उनकी ख़ैरो-ख़बर नही मिलती ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12
Hindi Poem of Kumar vishvas “Unki Khero khabar nahi milti“ , “उनकी ख़ैरो-ख़बर नही मिलती ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12
उनकी ख़ैरो-ख़बर नही मिलती
Unki Khero khabar nahi milti
उनकी ख़ैरो-ख़बर नही मिलती
हमको ही खासकर नही मिलती
शायरी को नज़र नही मिलती
मुझको तू ही अगर नही मिलती
रूह मे, दिल में, जिस्म में, दुनिया
ढूंढता हूँ मगर नही मिलती
लोग कहते हैं रुह बिकती है
मै जिधर हूँ उधर नही मिलती
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