घंटी
Ghanti
फ़ोन की घंटी बजी
मैंने कहा- मैं नहीं हूँ
और करवट बदल कर सो गया
दरवाज़े की घंटी बजी
मैंने कहा- मैं नहीं हूँ
और करवट बदल कर सो गया
अलार्म की घंटी बजी
मैंने कहा- मैं नहीं हूँ
और करवट बदल कर सो गया
एक दिन
मौत की घंटी बजी…
हड़बड़ा कर उठ बैठा-
मैं हूँ… मैं हूँ… मैं हूँ..
मौत ने कहा-
करवट बदल कर सो जाओ।