Hindi Poem of Madan Kashyap “Abhi bhi bache he“ , “अभी भी बचे हैं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अभी भी बचे हैं
Abhi bhi bache he

अभी भी बचे हैं
कुछ आख़िरी बेचैन शब्द
जिनसे शुरू की जा सकती है कविता

बची हुई हैं
कुछ उष्ण साँसे
जहाँ से सम्भव हो सकता है जीवन

गर्म राख़ कुरेदो
तो मिल जाएगी वह अन्तिम चिंगारी
जिससे सुलगाई जा सकती है फिर से आग ।

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