Hindi Poem of Madan Kashyap “Hamare samay me prem“ , “हमारे समय में प्रेम” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हमारे समय में प्रेम
Hamare samay me prem

चिठ्ठियाँ तो थी नहीं की जुगा कर रखते
बस कुछ एस०एम०एस० थे

बहुत दिनों तक बचे रहे
मगर एक दिन मिटना ही था मिट गए

हमारे समय में प्रेम
कोई निशानी नहीं छोड़ता

कुछ स्मृतियाँ होती है जो बहुत दिनों तक
बरछे की तरह चुभी रहती है
धीरे धीरे उनका लोहा भी गल जाता है!

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