Hindi Poem of Madan Kashyap “Salva judum“ , “सलवा जुडूम” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सलवा जुडूम
Salva judum

हमने हत्या को साँस्कृतिक अनुष्ठान में बदल दिया है
कोई नहीं कह सकता इसे सत्ता का दमन
सरकारी उत्पीड़न
अब कन्धे भी तुम्हारे हैं छातियाँ भी तुम्हारी
हम तो सिर्फ़ तुम्हारे नरमेध के पुरोहित हैं

इतिहास गवाह हैं क़त्ल के उत्सव में
मंत्रोच्चार करनेवालों को कभी हत्यारा नहीं कहा गया

हम तुम्हें जंगल से भगाएँगे नहीं
तुम जहाँ जाओगे वहीं जंगल बस जाएगा

तुम बार-बार विस्थापित होते रहे हो
क्यों न इस बार हमेशा-हमेशा के लिए

नृजातीय प्रयोगशालाओं में सँस्थापित हो जाओ

तुम्हारे घावों का दर्द जितना तेज़ होगा उतना ही
बढ़ेगा तुम्हारा गुस्सा और एक दिन यह

तुम्हारी बची-खुची चेतना पर भी छा जाएगा
तुम समझ ही नहीं पाओगे यह गुस्सा क्यों है किसके ख़िलाफ़ है

तुम में से कुछ थोड़े-से बच भी गए तो
जो तुम्हें देता रहा है माँ के आँचल-सी सुरक्षा और सुकून

उस जंगल की ओर झाँकने से भी डरोगे
उस पर होगा हमारा अधिकार

उसमें बेधड़क घूमेंगे सात समंदर पार के हमारे प्रिय सौदागर
कहीं से किसी तीर के सनसनाते हुए आने का कोई ख़तरा नहीं होगा!

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