Hindi Poem of Mahadevi Verma “Ali Ab Sapne Ki Baat ”, “अलि अब सपने की बात” Complete Poem for Class 10 and Class 12

अलि अब सपने की बात -महादेवी वर्मा

Ali Ab Sapne Ki Baat – Mahadevi Verma

 

अलि अब सपने की बात,
हो गया है वह मधु का प्रात:!

जब मुरली का मृदु पंचम स्वर,
कर जाता मन पुलकित अस्थिर,
कम्पित हो उठता सुख से भर,
नव लतिका सा गात!

जब उनकी चितवन का निर्झर,
भर देता मधु से मानस-सर,
स्मित से झरतीं किरणें झर झर,
पीते दृग – जलजात!

मिलन-इन्दु बुनता जीवन पर,
विस्मृति के तारों से चादर,
विपुल कल्पनाओं का मंथर,
बहता सुरभित वात।

अब नीरव मानस-अलि गुंजन,
कुसुमित मृदु भावों का स्पंदन,
विरह-वेदना आई है बन,
तम तुषार की रात!

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