Hindi Poem of Majruh Sultanpuri “Uthaye ja unke sitam or jiye ja , “उठाये जा उनके सितम और जिए जा ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

उठाये जा उनके सितम और जिए जा – मजरूह सुल्तानपुरी

Uthaye ja unke sitam or jiye ja – Majruh Sultanpuri

 

उठाये जा उनके सितम और जिए जा
यों ही मुस्कुराए जा आंसू पिये जा

यही है मुहब्बत का दस्तूर ए दिल
वो गम दें तुझे तु दुआएं दिये जा

कभी वो नजर जो समाई थी दिल में
उसी एक नज़र का सहारा लिए जा

सताए ज़माना सितम ढाए दुनिया
मगर तू किसी की तमन्ना किये जा

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.