Hindi Poem of Makhan Lal Chaturvedi “Aaj nayan ke bangle mein ”, “आज नयन के बँगले में” Complete Poem for Class 10 and Class 12

आज नयन के बँगले में -माखन लाल चतुर्वेदी

Aaj nayan ke bangle mein – Makhan Lal Chaturvedi

 

आज नयन के बँगले में,
संकेत पाहुने आये री सखि!

जी से उठे, कसक पर बैठे,
और बेसुधी- के बन घूमें,
युगल-पलक ले चितवन मीठी,
पथ-पद-चिह्न चूम, पथ भूले,
दीठ डोरियों पर माधव को।

बार-बार मनुहार थकी मैं,
पुतली पर बढ़ता-सा यौवन,
ज्वार लुटा न निहार सकी मैं !
दोनों कारागृह पुतली के,
सावन की झर लाये री सखि!

आज नयन के बँगले में,
संकेत पाहुने आये री सखि !

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