आज मेरेओ भाग जागो साधु आये पावना
Aaj mereo bhag jago sadhu aaye pavna
आज मेरेओ भाग जागो साधु आये पावना॥ध्रु०॥
अंग अंग फूल गये तनकी तपत गये।
सद्गुरु लागे रामा शब्द सोहामणा॥ आ०॥१॥
नित्य प्रत्यय नेणा निरखु आज अति मनमें हरखू।
बाजत है ताल मृदंग मधुरसे गावणा॥ आ०॥२॥
मोर मुगुट पीतांबर शोभे छबी देखी मन मोहे।
मीराबाई हरख निरख आनंद बधामणा॥ आ०॥३॥