Hindi Poem of Mira Bai “Jal bharan kesi jaure, “जल भरन कैशी जाऊंरे” Complete Poem for Class 10 and Class 12

जल भरन कैशी जाऊंरे

Jal bharan kesi jaure

 

जल भरन कैशी जाऊंरे। जशोदा जल भरन॥ध्रु०॥

वाटेने घाटे पाणी मागे मारग मैं कैशी पाऊं॥ज० १॥

आलीकोर गंगा पलीकोर जमुना। बिचमें सरस्वतीमें नहावूं॥ज० २॥

ब्रिंदावनमें रास रच्चा है। नृत्य करत मन भावूं॥ज० ३॥

मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। हेते हरिगुण गाऊं॥ज० ४॥

 

 

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