जसवदा मैय्यां नित सतावे कनैय्यां
Jasvada maiya nit satve kanhaiya
जसवदा मैय्यां नित सतावे कनैय्यां। वाकु भुरकर क्या कहुं मैय्यां॥ध्रु०॥
बैल लावे भीतर बांधे। छोर देवता सब गैय्यां॥ जसवदा मैया०॥१॥
सोते बालक आन जगावे। ऐसा धीट कनैय्यां॥२॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। हरि लागुं तोरे पैय्यां॥ जसवदा०॥३॥