Hindi Poem of Mira Bai “ Moti munge utar banmala poi, “मोती मूँगे उतार बनमाला पोई” Complete Poem for Class 10 and Class 12

मोती मूँगे उतार बनमाला पोई

 Moti munge utar banmala poi

मोती मूँगे उतार बनमाला पोई॥

अंसुवन जल सींचि सींचि प्रेम बेलि बोई।

अब तो बेल फैल गई आणँद फल होई॥

दूध की मथनिया बडे प्रेम से बिलोई।

माखन जब काढि लियो छाछ पिये कोई॥

भगत देखि राजी हुई जगत देखि रोई।

दासी ‘मीरा लाल गिरिधर तारो अब मोही॥

 

 

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