Hindi Poem of Nagarjun “Barbarta ki Dhal Thakre“ , “बर्बरता की ढाल ठाकरे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बर्बरता की ढाल ठाकरे

Barbarta ki Dhal Thakre

बाल ठाकरे!  बाल ठाकरे!

कैसे फ़ासिस्टी प्रभुओं की

गला रहा है दाल ठाकरे!

अबे सँभल जा, वो  पहुँचा बाल ठाकरे!

सबने हाँ की, कौन ना करे!

छिप जा, मत तू उधर ताक रे!

शिव-सेना की वर्दी डाटे, जमा रहा लय-ताल ठाकरे!

सभी डर गए, बजा रहा है गाल ठाकरे!

गूँज रहीं सह्याद्री घाटियाँ, मचा रहा भूचाल ठाकरे!

मन ही मन कहते राजा जी, जिये भला सौ साल ठाकरे!

चुप है कवि, डरता है शायद, खींच नहीं ले खाल ठाकरे!

कौन नहीं फँसता है देखें, बिछा चुका है जाल ठाकरे!

बाल ठाकरे! बाल ठाकरे! बाल ठाकरे! बाल ठाकरे!

बर्बरता की ढाल ठाकरे!

प्रजातन्त्र का काल ठाकरे!

धन-पिशाच का इंगित पाकर, ऊँचा करता भाल ठाकरे!

चला पूछने मुसोलिनी से, अपने दिल का हाल ठाकरे!

बाल ठाकरे! बाल ठाकरे! बाल ठाकरे! बाल ठाकरे!

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