Hindi Poem of Nander Sharma “  Chalo hum dono chale vaha”,”चलो हम दोनों चलें वहां” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चलो हम दोनों चलें वहां

 Chalo hum dono chale vaha

 

भरे जंगल के बीचो बीच,

न कोई आया गया जहां,

चलो हम दोनों चलें वहां।

जहां दिन भर महुआ पर झूल, 

रात को चू पड़ते हैं फूल,

बांस के झुरमुट में चुपचाप, 

जहां सोये नदियों के कूल;

हरे जंगल के बीचो बीच,

न कोई आया गया जहां,

चलो हम दोनों चलें वहां।

विहंग मृग का ही जहां निवास,

जहां अपने धरती आकाश,

प्रकृति का हो हर कोई दास,

न हो पर इसका कुछ आभास,

खरे जंगल के के बीचो बीच,

न कोई आया गया जहां,

चलो हम दोनों चलें वहां।

 

 

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